
मानवाधिकार व सामाजिक न्याय शिष्टमंडल के राज्य अंबेसेडर बने राजीव आनंद
हजारीबाग:समाज के प्रति निरंतर चिंतन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता राजीव आनंद को मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय शिष्टमंडल ने 5 वर्षो के लिये झारखंड राज्य का अंबेसेडर नियुक्त किया है.प्रधान कार्यालय मुंबई से राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पत्र जारी कर राजीव को 30 जून 2030 तक के लिये यह दायित्व प्रदान किया है। वर्तमान में राजीव लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट चेयरपर्सन,आरटीआई एक्टिविस्ट एसोसिएशन के सदस्य,अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के सदस्य समेत अन्य संस्थाओ में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रहे है। चयन होने पर राजीव आनंद ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित संस्था के सभी पदाधिकारियों का अंतरंग आभार प्रगट किया है। आशा के अनुरुप कार्य करने हेतु प्रतिबद्धता प्रकट किया। कहा कि संस्था ने मेरे उपर जो विश्वास जताया है उसपर पूरी तरह से खड़ा उतरने का प्रयास करुंगा

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी शिबू सोरेन के स्वास्थ्य के बारे में ली जानकारी
नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर गंगाराम अस्पताल में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन से भेंट कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। श्री गडकरी ने कहा, “नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन जी से भेंट कर उनके स्वास्थ्य के बारे जानकारी ली और उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की।

राजमहल कोल परियोजना में ड्रेस कोड लागू, 2.59 करोड़ रुपये आवंटित
रैयतों की समस्याओं को लेकर उठी आवाज, मूलभूत सुविधाओं की मांग तेज। शंकर सुमन गोड्डा जिला के ललमटिया अंतर्गत ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) की राजमहल कोल परियोजना में कार्यरत 1950 कर्मियों और 125 पदाधिकारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। इस पहल के तहत सभी कर्मचारियों को तीन स्टैंडर्ड कंपनी की यूनिफॉर्म खरीदना अनिवार्य किया गया है। ड्रेस खरीद के लिए ईसीएल ने प्रत्येक के बैंक खाते में ₹12,500 की राशि ट्रांसफर की है। कुल 2075 कर्मियों के लिए कंपनी ने ₹2.59 करोड़ (₹2,59,37,500) की राशि खर्च की है।इसके अतिरिक्त, परियोजना में कार्यरत 125 पदाधिकारियों को ग्रेड के अनुसार ₹30,000 से ₹60,000 तक मूल्य के मोबाइल फोन प्रदान किए जाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।परियोजना क्षेत्र की प्रमुख जशीनता हेंब्रम ने ड्रेस कोड की पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि इससे कार्यस्थल पर एकरूपता और अनुशासन की भावना बढ़ेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि परियोजना से प्रभावित ग्रामीण अब भी मूलभूत सुविधाओं — जैसे स्वास्थ्य सेवाएं और स्वच्छ पेयजल — से वंचित हैं। उन्होंने प्रबंधन से मांग की कि इन बुनियादी आवश्यकताओं को तत्काल प्राथमिकता दी जाए। वहीं, एटक यूनियन के सचिव राम जी साह ने प्रबंधन पर रैयतों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुआवजा, नौकरी और पुनर्वास जैसी मांगों को लेकर ग्रामीण वर्षों से कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो परियोजना विस्तार में बाधाएं आ सकती हैं। ड्रेस कोड और मोबाइल वितरण पर उठ रहे सवाल: जहाँ एक ओर करोड़ों रुपये खर्च कर कर्मचारियों को ड्रेस और मोबाइल दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीण स्वास्थ्य, पानी और रोजगार जैसी बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस असंतुलन को लेकर परियोजना क्षेत्र में बहस तेज हो गई है।

बेलंजाबाद के समीप कतरी नदी में अज्ञात शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी
कतरास: मंगलवार को रामकनाली ओपी अंतर्गत बेलंजाबाद के समीप कतरी नदी में एक अज्ञात शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। घटना के संबंध में बताया जाता है कि अहले सुबह 8 बजे के करीब रामकनाली ओपी अंतर्गत बेलंजाबाद के पास कतरी नदी में कुछ महिलाएं स्नान आदि कर रही थी। इसी दौरान महिलाओं ने देखा कि एक शव बहता हुआ नदी के किनारे स्थित मलबा में फंस गया है। शोर शराबा करने के पश्चात आसपास के ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। घटना की सूचना मिलने पर रामकनाली पुलिस मौके पर पहुंची तथा किसी तरह शव निकाल कर अपने कब्जे में ले लिया। मृतक का शरीर लगातार पानी में रहने के कारण पूरी तरह से फूल गया था जिसके कारण मृतक का चेहरा पहचान में नहीं आ रहा था। शव को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि शव तकरीबन तीन-चार दिन पुराना है। शव से दुर्गध भी आ रहा था। अज्ञात शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। शव नदी में कहां से बहते हुए आया? मृतक कहां का रहने वाला है? उसकी मृत्यु कैसे हुई इस बात को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। वहीं पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

मधुश्रावणी व्रत आज से प्रारंभ, नवविवाहिताओं ने की शिव-पार्वती की पूजा
महागामा सहित मिथिलांचल में धार्मिक आस्था का उत्सव शुरू। शंकर सुमन गोड्डा में मिथिलांचल की पारंपरिक संस्कृति को जीवंत रखते हुए मंगलवार से मधुश्रावणी व्रत की शुरुआत हुई। यह व्रत नवविवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए करती हैं। महागामा प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में इस व्रत की शुरुआत श्रद्धा और उत्साह के साथ हुई।मान्यता है कि सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने हेतु यह व्रत किया था। उसी परंपरा को निभाते हुए नवविवाहिताएं बड़े ही नियम-धर्म और फलाहार के साथ प्रतिदिन पूजा करती हैं।व्रत का आयोजन लगातार 14 दिनों तक चलता है, जिसमें प्रतिदिन विभिन्न कथाएँ, विशेषकर नाग-नागिन और सप्तऋषियों की कथाएँ, सुनी जाती हैं। पूजा में मधु (शहद) अर्पित किया जाता है, जिससे इस व्रत का नाम “मधुश्रावणी” पड़ा है।स्थानीय मंदिरों और घरों में भक्ति-भाव के साथ शिव-पार्वती की पूजा, व्रत कथाएँ और पारंपरिक गीतों के माध्यम से माहौल भक्तिमय हो उठा है।

मीठा ज़हर: चीनी के प्रभाव और जागरूकता अभियान”
बोकारो इस्पात नगर , जनवृत १/स स्थित संत ज़ेवियर विद्यालय में 14 जुलाई, 2025 को सातवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए “मीठा ज़हर: चीनी के प्रभाव और जागरूकता” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रधानाचार्य फादर अरुण मिंज, एस.जे. द्वारा किया गया। उन्होंने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर मधुमिता श्रीवास्तव, चीफ कंसलटेंट, बी.जी.एच का स्वागत किया। डॉक्टर मधुमिता ने विद्यालय के सातवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को संबोधित किया भारत में “इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई )(ICSE) ने स्कूलों में अत्यधिक चीनी सेवन के खतरों का एक राष्ट्रव्यापी पहल को अनिवार्य किया है, ताकि छात्रों को अत्यधिक चीनी के सेवन के खतरों के बारे में शिक्षित किया जा सके और स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा दिया जा सके। यह कार्यक्रम, बच्चों में मोटापे और टाइप 2 मधुमेह के बारे में बढ़ती चिंताओं के जवाब में शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को चीनी के अत्यधिक सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देना और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि,“आज की पीढ़ी स्वाद के पीछे सेहत को नज़रअंदाज़ कर रही है। हमें समझना होगा कि चीनी का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन, धीरे-धीरे शरीर को बीमारियों की ओर धकेल देता है।” इस अवसर पर एक शैक्षिक प्रस्तुति के माध्यम से छात्रों को बताया गया कि कैसे अधिक चीनी सेवन से मोटापा, मधुमेह (डायबिटीज़), दाँतों की समस्या और अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं। छात्रों ने चीनी के छिपे हुए स्रोतों जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस और मिठाइयों के बारे में भी जाना। कार्यक्रम में एक रोचक “मीठा या स्वस्थ?” गतिविधि का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों को विभिन्न खाद्य पदार्थों की पहचान करनी थी कि वे सेहतमंद हैं या नहीं। कार्यक्रम के दौरान पोस्टर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर अरुण मिंज, एस. जे ने छात्र-छात्राओं को अपने खानपान में संयम बरतने और प्राकृतिक विकल्पों जैसे फल, शहद और गुड़ को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर मधुमिता श्रीवास्तव का बच्चों को जागरूक करने तथा अपना बहुमूल्य समय देने के लिए उनका आभार प्रकट किया। विद्यालय परिवार द्वारा इस प्रयास को विद्यार्थियों व अभिभावक समुदाय ने भी सराहा और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित होते रहेंगे।