बोकारो इस्पात नगर , जनवृत १/स स्थित संत ज़ेवियर विद्यालय में 14 जुलाई, 2025 को सातवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए “मीठा ज़हर: चीनी के प्रभाव और जागरूकता” विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्रधानाचार्य फादर अरुण मिंज, एस.जे. द्वारा किया गया। उन्होंने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर मधुमिता श्रीवास्तव, चीफ कंसलटेंट, बी.जी.एच का स्वागत किया। डॉक्टर मधुमिता ने विद्यालय के सातवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को संबोधित किया
भारत में “इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई )(ICSE) ने स्कूलों में अत्यधिक चीनी सेवन के खतरों का एक राष्ट्रव्यापी पहल को अनिवार्य किया है, ताकि छात्रों को अत्यधिक चीनी के सेवन के खतरों के बारे में शिक्षित किया जा सके और स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा दिया जा सके। यह कार्यक्रम, बच्चों में मोटापे और टाइप 2 मधुमेह के बारे में बढ़ती चिंताओं के जवाब में शुरू किया गया है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को चीनी के अत्यधिक सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जानकारी देना और उन्हें स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना था।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि,“आज की पीढ़ी स्वाद के पीछे सेहत को नज़रअंदाज़ कर रही है। हमें समझना होगा कि चीनी का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन, धीरे-धीरे शरीर को बीमारियों की ओर धकेल देता है।”
इस अवसर पर एक शैक्षिक प्रस्तुति के माध्यम से छात्रों को बताया गया कि कैसे अधिक चीनी सेवन से मोटापा, मधुमेह (डायबिटीज़), दाँतों की समस्या और अन्य बीमारियाँ हो सकती हैं। छात्रों ने चीनी के छिपे हुए स्रोतों जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, पैकेज्ड जूस और मिठाइयों के बारे में भी जाना।
कार्यक्रम में एक रोचक “मीठा या स्वस्थ?” गतिविधि का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों को विभिन्न खाद्य पदार्थों की पहचान करनी थी कि वे सेहतमंद हैं या नहीं। कार्यक्रम के दौरान पोस्टर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर अरुण मिंज, एस. जे ने छात्र-छात्राओं को अपने खानपान में संयम बरतने और प्राकृतिक विकल्पों जैसे फल, शहद और गुड़ को अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर मधुमिता श्रीवास्तव का बच्चों को जागरूक करने तथा अपना बहुमूल्य समय देने के लिए उनका आभार प्रकट किया।
विद्यालय परिवार द्वारा इस प्रयास को विद्यार्थियों व अभिभावक समुदाय ने भी सराहा और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित होते रहेंगे।