चिन्मय विद्यालय में समावेशी शिक्षा पर दो दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन।

चिन्मय विद्यालय, बोकारो में दो दिवसीय “Capacity Building Programme on inclusive Education” का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को समावेशी शिक्षा की अवधारणा, व्यवहारिक चुनौतियों और समाधान की रणनीतियों से अवगत कराना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोच्चारण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्ज्वलन समारोह में विद्यालय के सचिव महेश त्रिपाठी, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार, एवं हेड मास्टर गोपाल चंद्र मुंशी उपस्थित रहे। संगीत विभाग के संगीत कोर ग्रुप द्वारा स्वागत गान गाकर सभी का स्वागत किया गया।

इस कार्यशाला में 60 शिक्षक प्रतिभागी के रूप में शामिल हुए।

चिन्मय विद्यालय, बोकारो में दो दिवसीय “Capacity Building Programme on inclusive Education” का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को समावेशी शिक्षा की अवधारणा, व्यवहारिक चुनौतियों और समाधान की रणनीतियों से अवगत कराना था।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोच्चारण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्ज्वलन समारोह में विद्यालय के सचिव महेश त्रिपाठी, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार, एवं हेड मास्टर गोपाल चंद्र मुंशी उपस्थित रहे। संगीत विभाग के संगीत कोर ग्रुप द्वारा स्वागत गान गाकर सभी का स्वागत किया गया।

इस कार्यशाला में 60 शिक्षक प्रतिभागी के

कार्यशाला के मुख्य रिसोर्स पर्सन के रूप में अनिल कुमार मोदी एवं ग्लोरिया अलफांस उपस्थित रहे। दोनों रिसोर्स पर्सन ने समावेशी शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण अवधारणाओं जैसे exclusion (बहिष्करण), Segregation (विभाजन), Integration (एकीकरण) और Inclusion (समावेशन) पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने समावेशी शिक्षा के व्यावहारिक पक्षों, रणनीतियों एवं शिक्षण विधियों पर गहन संवाद किया।

कार्यशाला ने सभी शिक्षकों को 10 विभिन्न समूहों में बाॅटा गया । शिक्षकों के द्वारा चार्ट पेपर, लघु नाटिका एवं अन्य आकर्षक विधियों द्वारा कई एक्टिविटी करवाई गई।

इस दौरान लेबलिंग इन इनक्लूसिव एजुकेशन जैसे संवेदनशील विषय पर भी चर्चा की गई, जिसमें यह बताया गया कि बच्चों को किसी विशेष श्रेणी में लेबल करना कैसे उनके आत्मविश्वास और समावेश में बाधा बन सकता है।

प्राचार्य सूरज शर्मा ने सभी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि  कार्यशाला के माध्यम से शिक्षकों को समावेशी शिक्षा के प्रति और अधिक जागरूक, संवेदनशील और सक्षम बनाया जाता है, जिससे वे प्रत्येक छात्र को उसकी आवश्यकतानुसार शिक्षा देने में समर्थ हो सकें। कार्यशाला शिक्षकों में सामूहिक विकास को उत्कृष्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

कार्यक्रम का संचालन सुप्रिया चौधरी द्वारा किया गया, जिन्होंने पूरे आयोजन को कुशलतापूर्वक संचालित किया।

कार्यशाला की सफलता में संजीव कुमार, पंचानंद शर्मा, रणधीर नारायण, रजनीश चौधरी, स्मृति वोहरा एवं अंजनी ने विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने आयोजन की रूपरेखा, व्यवस्थापन और तकनीकी सहयोग में सक्रिय योगदान दिया।

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