मिथिला अकैडमी पब्लिक स्कूल सेक्टर 4/E में आज दिनांक 25 /4/25 दिन (शुक्रवार )को 34 वां वार्षिकको उत्सव इंद्रधनुष बड़ी ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया ।यह कार्यक्रम स्कूल प्रांगण में आयोजित किया गया, जिसमें छात्रों शिक्षकों, अभिभावकों और अतिथियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आगाज गीता उपदेश से किया गया जिसमें बच्चों ने अध्याय 3 के कर्म योग के श्लोक को गाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।मुख्य अतिथि श्री बी के तिवारी डायरेक्टर इंचार्ज BSL( SAIL), अध्यक्ष श्री हरि मोहन झा, सचिव प्रमोद कुमार झा, पेट्रोन प्रभात कुमार, नीरज चौधरी महासचिव मिथिला सांस्कृतिक परिषद ,प्राचार्य अशोक कुमार पाठक एवं गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए सांस्कृतिक कार्यक्रम इस समारोह के मुख्य आकर्षण रहे जिसमें भगवती वंदना ,माटी के रंग, कव्वाली ,वामण अवतार, पंचतत्व , लोक नृत्य एवं नन्हे बच्चों द्वारा राज कपूर के अविस्मरणीय यादों को नृत्य में पिरोकर प्रस्तुत किए साथ ही विद्यालय की शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक गतिविधियों के लिए मेधावी छात्रों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र वितरित किया गया। विद्यालय प्राचार्य अशोक कुमार पाठक में स्वागत भाषण देकर सभी को विद्यालय की उपलब्धियोंसे अवगत कराया।मुख्य अतिथि में कहा कि विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम और उनकी रचनात्मकता इस बात का प्रमाण है कि हमारे आने वाली पीढ़ी न केवल प्रतिभाशाली हैं बल्कि अपने मूल्यों और परंपराओं के प्रति भी जागरुक है। अध्यक्ष श्री हरि मोहन झा ने कहा कि वार्षिक उत्सव केवल उत्सव मनाने का दिन ही नहीं बल्कि अपनी उपलब्धियां का जश्न मनाने और भविष्य की ऊंचाइयों को छूने की प्रेरणा लेने का भी है। सचिव प्रमोद कुमार झा ने कहा कि प्रयास और अनुशासन हमें अस्वस्थ करते हैं जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए ।प्राचार्य अशोक कुमार पाठक ने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे और अपने माता-पिता और गुरुजनों का मान बढ़ाए। मंच का संचालन आर्यन, संजीव, पीयूसी,सानिया एव एकता के द्वारा किया गया ।कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ यह दिन सभी के लिए प्रेरणा और उत्साह से भरा रहा ।वार्षिकोत्सव न केवल मनोरंजन का माध्यम बना बल्कि शिक्षा और संस्कार का भी परिचायक रहा ।यह दिन लंबे समय तक सभी के स्मृतियों में जीवित रहेगा।

