कतरास के वार्ड 3 में नाली निर्माण कार्य में घटिया सामग्री की उपयोग, नगर निगम बने घृतराष्ट्र

मछली पट्टी में पुराने नाली को छोड़ कर सड़क किनारे नई नाली बन रही, अवैध दुकानों को बचाने की हो रही कोशिश

कतरास के वार्ड 3 मछली पट्टी इलाके में नाली निर्माण कार्य को लेकर एक नया मामला सामने आया है। यहां पुरानी नाली को तोड़कर उसके स्थान पर पुनर्निर्माण करने के बजाय ठेकेदार द्वारा नई नाली को सड़क के किनारे बनाया जा रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसा निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि पुरानी नाली के ऊपर बनी अवैध दुकानों को नुकसान न पहुंचे। ठीकेदार द्वारा नई नाली बना सोची समझी साजिस के तहत अवैध दुकानों को बचाने की साजिस रची गई है।
जानकारी के अनुसार, अगर पुराने नाली को तोड़कर नए सिरे से बनाया जाता, तो उसके ऊपर बने कई अस्थायी व अवैध रूप से स्थापित दुकानें ध्वस्त हो सकती थीं। दुकानदारों को राहत देने के उद्देश्य से ठेकेदार ने नाली को उनकी दुकानों से दूर, सड़क के किनारे बनाने का रास्ता चुना है।हालांकि, इस निर्माण कार्य को लेकर शहरवासियों के बीच सवाल उठने लगे हैं। उनका कहना है कि इस तरह का कार्य ना सिर्फ नगर नियोजन के मानकों का उल्लंघन है, बल्कि भविष्य में जल निकासी की समस्या भी उत्पन्न कर सकती है। साथ ही सड़क के किनारे नाली निर्माण से यातायात में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है।जाम भी लगने का आसार दिख रही है।
नगर निगम के अधिकारियों से इस मामले में प्रतिक्रिया मिलने का इंतज़ार है। नागरिकों ने मांग की है कि नाली निर्माण कार्य को पारदर्शिता और नियमों के तहत कराया जाए तथा सार्वजनिक सुविधा को प्राथमिकता दी जाए, न कि अवैध निर्माण को संरक्षण।
कतरास अंचल के वार्ड संख्या 1 से 5 तक विभिन्न स्थानों पर हो रहे नाली निर्माण कार्यों में अनियमितता और घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग की शिकायतें सामने आ रही हैं। स्थानीय नागरिकों में आक्रोश है, और वे दबी जुबान में सवाल उठा रहे हैं कि नगर निगम के अधिकारी इस स्थिति पर आखिर चुप क्यों हैं।कही मोटी एम लेकर चुप तो नहीं है। नहीं तो नाली बनाने में घटिया सामग्री के इस्तमाल होने के वाबजूद धृतराष्ट्र बने है।

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