बोकारो: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की ओर से आगामी 30 जून को बोकारो के आईटीआई मोड़ पर हूल दिवस को भव्य रूप से मनाने की तैयारी जोरों पर है। यह दिवस 1855 में सिदो और कान्हू मुर्मू के नेतृत्व में हुए संथाल विद्रोह की ऐतिहासिक स्मृति को चिह्नित करता है, जो आदिवासी अस्मिता और स्वतंत्रता संग्राम की एक सशक्त मिसाल है।इस संबंध में बुधवार को बोकारो परिसदन में पार्टी की जिला और महानगर इकाई की संयुक्त बैठक हुई, जिसमें सभी प्रमुख कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि इस बार हूल दिवस का आयोजन पहले से अधिक व्यापक, सांस्कृतिक और प्रभावशाली रूप में किया जाएगा।कार्यक्रम संयोजक मंटू यादव ने बताया कि इस वर्ष के आयोजन में बोकारो के विभिन्न गांवों से आदिवासी सांस्कृतिक दल आमंत्रित किए गए हैं, जो पारंपरिक नृत्य, गीत और लोककलाओं के माध्यम से आदिवासी सांस्कृतिक गौरव का प्रदर्शन करेंगे।आयोजन की शोभा बढ़ाने के लिए गोमिया विधायक व मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो, चंदनकियारी विधायक उमा कान्त रजक सहित बोकारो जिले के सभी नौ प्रखंडों से आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है। यह आयोजन न केवल राजनीतिक मंच पर आदिवासी चेतना को बल देगा, बल्कि नई पीढ़ी को हूल आंदोलन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके नायकों से परिचित कराने का भी माध्यम बनेगा।
JMM का यह आयोजन हूल दिवस को केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि संघर्ष, बलिदान और सामाजिक एकता के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास है। आयोजन को लेकर पार्टी कार्यकर्ता पूरे उत्साह के साथ तैयारियों में जुटे हैं और उम्मीद है कि यह कार्यक्रम आदिवासी इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने में एक मजबूत कदम साबित होगा।