ॐ श्री गुरुदेवाय नमः से वातावरण हुआ भक्तिमय।
चिन्मय विद्यालय बोकारो के तपोवन सभागार में
गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर पादुका पूजा का आयोजन किया गया।
आज भगवान वेदव्यास जी का जन्मदिन है। उन्होंने सैकड़ो धर्म ग्रंथों की रचना की और समाज को धर्म एवम नीति पर चलने के लिए प्रेरित किया। पूरे विश्व मे आज गुरु की पारंपरिक पूजा होती है। इसी परंपरा धर्म संस्कार को निभाते हुये आज चिन्मय मिशन के संस्थापक परम् पूज्य गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती की पादुका पूजा की गई।चिन्मय मिशन बोकारो की आवासीय आचार्या परम् पूज्या स्वामिनी संयुक्तानंद जी ने पूरे विधि विधान के साथ आज विद्यालय में पूजा अर्चना की। पूजा अर्चना में स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती के साथ विद्यालय अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय, सचिव महेश त्रिपाठी, प्राचार्य सूरज शर्मा ने पूरे भक्ति भाव से भाग लिया । गुरुदेव स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती के 108 नामों का मंत्रोचारण किया गया। स्वामिनी संयुक्तनंदा जी ने गुरु पूर्णिमा पर पूजा के महत्व को विस्तार पूर्वक बताया । गुरु के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं कि जा सकती है। जीवन में प्रथम दिन से लेकर जीवन के आखरी समय तक गुरु विभिन्न रूपों में हमारे जीवन मे आते है। हर पल पर गुरु के के द्वारा दी गई शिक्षा कम आती है। गुरु जीवन का वो प्रकाश तत्व है जो हमारे जीवन में अज्ञानता के अंधकार को दूर करते हैं। वे हमारे जीवन मे ज्ञान प्रदान कर सफलता का रस भर देते हैं। जिससे हमारा जन्मसिद्ध हो जाता है। हमे अपने गुरु के प्रति श्रद्धा, सम्मान एवम आदर भाव रखना चाहिए। भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ किया गया।
इस शुभ अवसर पर चिन्मय विद्यालय के अध्यक्ष विश्वरूप मुखोपाध्याय,विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष आर एन मल्लिक, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरमेंद्र कुमार, हेड मास्टर गोपालचंद मुंशी, विद्यालय के कक्षा छठी के सभी छात्र छात्राएं सहित मिशन के सदस्यों के साथ साथ विद्यालय के शिक्षकों ने पूरे भक्ति में भाग लिया।