बोकारो,
शराब दुकानों की बकाया राशि और ब्लैकलिस्टिंग को लेकर बोकारो में शनिवार को उत्पाद विभाग कार्यालय के बाहर भारी हंगामा हुआ। दर्जनों दुकानकर्मी अचानक कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इनका आरोप था कि बिना किसी पूर्व सूचना या नोटिस के उन्हें निष्कासित कर दिया गया है और ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है।
सहायक आयुक्त उत्पाद उमाशंकर सिंह ने मीडिया को बताया कि जिले की कई शराब दुकानों की सरकारी राजस्व राशि जमा नहीं की गई थी। इससे सरकार को भारी आर्थिक क्षति हुई है। उन्होंने कहा, “ऐसी सभी दुकानों के स्टाफ को तत्काल हटाने का निर्णय लिया गया है। विभाग का स्पष्ट संकल्प है कि जहां भी बकाया राशि होगी, वहां जिम्मेदार कर्मियों को ब्लैकलिस्ट कर कार्रवाई की जाएगी।”
उन्होंने बताया कि कई दुकानों पर एफआईआर दर्ज है और पेनल्टी भी लंबित है। इसलिए शासन स्तर पर यह सख्त निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारियों की मांगों को बोकारो डीसी के समक्ष रखा जाएगा और आगे का निर्णय वहीं से होगा।
वहीं निष्कासित दुकानकर्मियों का कहना है कि वे पिछले 10 वर्षों से कार्यरत हैं और उन्हें बिना किसी नोटिस के हटाया गया है, जो सरासर अन्याय है। उनका कहना है कि यदि उन्हें कारण नहीं बताया गया तो वे आंदोलन को चरणबद्ध रूप से आगे बढ़ाएंगे।