विक्रेता के पुत्र निर्मल जायसवाल ने 2019 में तत्कालीन सीओ के समक्ष दर्ज कराया था आपत्ति
कतरास: लोग फर्जीवाड़ा करने के लिए एक से एक तरीका इख्तियार करते हैं। कोई फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन की हेरा फेरी करता है तो कोई फर्जी कागजातों के सहारे नौकरी ले लेता है सच्चाई तब सामने आती है जब विभाग द्वारा जांच पड़ताल की जाती है अभी हाल में ही वंशावली में गड़बड़ी करने और उसके दुरुपयोग करने के कई मामले उजागर हुए हैं। सरकार को गुमराह कर गलत दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए राजगंज थाना प्रभारी अलीशा कुमारी का जाति प्रमाण पत्र सरकार ने जांच पड़ताल के बाद रद्द कर दिया है। इसमें भी वंशावली को ही आधार बनाया गया। वंशावली में विसंगतियां ऐसी है कि लोग दांतों तले उंगली दबा लेंगे।
अलीशा ने क्रेता विक्रेता के बीच के संबंध को वंशावली में पिता पुत्र दर्शा कर सरकार को गुमराह किया
उपलब्ध दस्तावेज के अनुसार अलीशा कुमारी ने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए शपथपत्र में जिस वंशावली का हवाला दिया एवं उसमें उन्होंने जमीन विक्रेता नंदकिशोर भगत को ही अपना दादा बना कर खुद को ख़ातियानी साबित करने का प्रयास किया। जबकि अलीशा कुमारी के दादा का नाम रघुवीर प्रसाद अग्रवाल है जो कि रजिस्ट्री केवाला सँख्या- 11932 दिनाँक 22-10-1986 में दर्ज है। 2015-16 के लगान रसीद में भी भुनेश्वर प्रसाद अग्रवाल के पिता का नाम रघुवीर प्रसाद अग्रवाल ही दर्ज है। वंशावली में अलीशा के पिता भुनेश्वर प्रसाद अग्रवाल एवं नंदकिशोर भगत के बीच पुत्र और पिता का रिश्ता दिखाया गया है जबकि भुनेश्वर प्रसाद अग्रवाल एवं नंदकिशोर भगत के बीच क्रेता और विक्रेता का संबंध है।
नंदकिशोर भगत के पुत्र निर्मल जायसवाल ने सीओ डुमरी को आवेदन देकर अलीशा के जाति प्रमाण पत्र पर जताया था आपत्ति
इस मामले को लेकर नंदकिशोर भगत के पुत्र निर्मल जायसवाल ने दिनाँक 10-04-2019 को अंचल अधिकारी डुमरी को आवेदन देकर अलीशा कुमारी के जाति प्रमाण पत्र निर्गत किये जाने पर आपत्ति दर्ज कराया था। हालांकि आरोप है कि उक्त शिकायत पर तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक, अंचल निरीक्षक एवं अंचल अधिकारी ने तथ्यों की अनदेखी की तथा कार्रवाई करने के बजाय अलीशा कुमारी को हरसंभव बचाने का प्रयास किया।
सरकार के अगले कदम पर टिकी है सबकी निगाहें अभी कई और तथ्यों का सामने आना बाकी है जिसमें सच्चाई परत-दर-परत खुलेंगे। ऐसा उम्मीद किया जा रहा है कि अभी और भी चौकाने वाले तथ्य उजागर हो सकते हैं जो अब तक रहस्य बने हुए हैं। अब ये भी देखना है कि जाति प्रमाणपत्र के रद्द होने से अलीशा कुमारी थाना प्रभारी राजगंज पर सरकार क्या कदम उठाती है। इधर अलीशा के जाति प्रमाण पत्र के रद्द होने से विभाग में तरह तरह की चर्चाएं होने लगी है। सबकी निगाहें सरकार के अगले कदम पर टिकी है।

