डीपीएस बोकारो में अंतर-सदन आर्केस्ट्रा प्रतियोगिता के साथ सांस्कृतिक उत्सव ‘तरंग’ का समापन
– बोले जाने-माने हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश – स्वस्थ दिल और तनावमुक्त दिमाग के लिए संगीत जरूरी
बोकारो। डीपीएस बोकारो में आयोजित चार-दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव ‘तरंग’ शुक्रवार को अंतर सदन आर्केस्ट्रा प्रतियोगिता के साथ धूमधाम से संपन्न हो गया। इस अवसर पर सोल्लासपूर्ण वातावरण में विद्यार्थियों ने न केवल विभिन्न वाद्ययंत्रों पर अपनी बेजोड़ पकड़ का परिचय दिया, बल्कि भारतीय एवं पाश्चात्य संगीत का ऐसा अनूठा सम्मिश्रण प्रस्तुत किया कि श्रोता वाह-वाह कर बैठे। फ्यूजन थीम पर आयोजित इस प्रतियोगिता में सभी छह सदनों के विद्यार्थियों ने विविध वाद्ययंत्रों पर एक से बढ़कर एक धुनें बजाकर समां बांध दिया। तबला, गिटार, क्लैप बॉक्स, की-बोर्ड, बांसुरी, ड्रम व कोंगो सहित भांति-भांति के वाद्ययंत्रों पर उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुति उनकी कलात्मक प्रतिभा बिखेर रही थी।
कार्यक्रम की शुरुआत जमुना हाउस की टीम ने अपनी पेशकश फ्लटर से की, जिसमें उन्होंने संगीत की कोमलता व इसके नयेपन को रेखांकित किया। इसके बाद झेलम की टीम ने वाइब्रेशन नामक अपनी प्रस्तुति में तन-मन को सुरों के तार से कंपित कर दिया। वहीं, गंगा ने अपनी प्रस्तुति स्पेक्ट्रम में सुर-ताल की सतरंगी झलक बिखेरी, तो रावी सदन की टीम ने अपनी प्रस्तुति राइजर में संगीत के माध्यम से उत्साह के उदय को दर्शाया। सतलज हाउस के बच्चों ने इकोज में सुर-ताल के आपसी संवाद व ध्वनि-प्रतिध्वनि को दिखाया। अंत में चेनाब सदन के छात्र-छात्राओं ने रीवर्ब नामक अपनी पेशकश में श्रोताओं के मानस-पटल पर संगीत की खास गूंज छोड़ दी। प्रत्येक टीम के प्रतिभागियों की विशिष्ट वेशभूषा भी आकर्षक बनी रही। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर गंगा और चेनाब सदन को संयुक्त रूप से प्रथम, रावी एवं झेलम को द्वितीय तथा सतलज व जमुना को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान प्राप्त हुए। प्रतियोगिता के निर्णायकों में जय प्रकाश सिन्हा, प्रणति दास और मयंक कुमार भक्ता शामिल रहे।
इसके पूर्व, कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि शहर के जाने-माने हृदयरोग विशेषज्ञ एवं वेलमार्क अस्पताल के चेयरमैन डॉ. सतीश कुमार, विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार, वरीय उपप्राचार्य अंजनी भूषण एवं उपप्राचार्या शालिनी शर्मा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य अतिथि डॉ. सतीश ने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों को अनुपम बताते हुए आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में संगीत को सुकून और प्रसन्नता का सबसे बड़ा माध्यम बताया। कहा कि स्वस्थ दिल और तनावमुक्त दिमाग के लिए संगीत जरूरी है। इस क्रम में प्राचार्य डॉ. गंगवार ने उन्हें स्मृति-चिह्न भेंट किया तथा शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। प्राचार्य ने प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर सभी प्रतिभागियों एवं सहयोगी शिक्षकों को बधाई दी।