चास, बोकारो। दिल्ली पब्लिक स्कूल, चास में 30 अगस्त को ‘कक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों और शिक्षकों को एआई की अवधारणाओं को वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों से जोड़ने और शिक्षा में इसके प्रभावी प्रयोग की समझ प्रदान करना था।
कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में एमजीएम हायर सेकेंडरी स्कूल, बोकारो के कंप्यूटर शिक्षक जिबिन थॉमस और दिव्या पांडेय उपस्थित थे। इसमें डीपीएस चास के सभी शिक्षक प्रतिभागी रहे। विशेषज्ञों ने शिक्षा में एआई की बढ़ती भूमिका, कौशल विकास हेतु एआई टूल्स के प्रयोग और शिक्षण पद्धति में इसके एकीकरण पर विस्तृत चर्चा की।
उन्होंने बताया कि एआई के माध्यम से शिक्षक अनुकूलित प्लेटफॉर्म का उपयोग करके सीखने को वैयक्तिकृत कर सकते हैं, ग्रेडिंग और पाठ योजना जैसे कार्य स्वचालित कर सकते हैं तथा वर्चुअल ट्यूटर और चैटबॉट्स के जरिए इंटरैक्टिव शिक्षा संभव बना सकते हैं। छात्रों को स्व-परीक्षण, समय प्रबंधन और विषय अन्वेषण में भी एआई उपयोगी सिद्ध हो सकता है। साथ ही उन्होंने एआई टूल्स के सुरक्षित एवं जिम्मेदार उपयोग पर भी बल दिया।
विद्यालय की चीफ मेंटर डॉ. हेमलता एस. मोहन ने कहा कि एआई और रोबोटिक्स लैब जैसे आधुनिक शैक्षिक उपकरण छात्रों को भविष्य की तकनीक आधारित चुनौतियों के लिए तैयार करेंगे। विद्यालय की निदेशिका व प्राचार्या डॉ. मनीषा तिवारी ने कहा कि शिक्षा में एआई शिक्षकों को सशक्त बना सकता है, सीखने की गति बढ़ा सकता है और शैक्षिक अनुभवों को अधिक वैयक्तिकृत बना सकता है।

