डुमरी विधायक ने बोकारो विधायक पर दर्ज कराई एफआईंआर

बोकारो | तीन अप्रैल को बोकारो में विस्थापित आंदोलन के मुद्दे नेपथ्य में हैं। मुद्दों  को छोड़ डुमरी विधायक और बोकारो विधायक आमने सामने हो गए हैं और मामला केस फौजदारी तक पहुंच गया है। दोनों पहेली बार सदन पहुंचे हैं।   डुमरी विधायक ने सिटी थाना में श्वेता सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें श्वेता सिंह के अलावा सेक्टर 12 निवासी मनीष कुमार सिंह और सेक्टर 3ई के मकान संख्या 605 निवासी राजीव  समेत कई लोगों को नामजद किया गया है।एफआईआर सोमवार रात दर्ज की गई। जयराम महतो ने आरोप लगाया कि श्वेता समर्थकों द्वारा उनके वाहन की नंबर प्लेट और “डुमरी विधायक” नेम प्लेट तोड़ दी गई। उन्होंने इसे एक जनप्रतिनिधि के लिए शर्मनाक आचरण बताया। उनका कहना है कि वे चाहते तो जवाब दे सकते थे, लेकिन संयम बरतते हुए मामला नहीं बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्रेम के अंतिम संस्कार और घायलों की मदद में व्यस्त रहने के कारण एफआईआर दर्ज कराने में विलंब हुआ।

जयराम महतो ने एफआईआर में बताया कि वह 3 अप्रैल को रांची में विधानसभा की समिति की बैठक में भाग लेने गए थे, तभी उन्हें सूचना मिली कि बोकारो में प्रदर्शन कर रहे विस्थापित युवाओं पर सीआईएसएफ द्वारा लाठीचार्ज किया गया है, जिसमें प्रेम नामक युवक की मौत हो गई। इसके बाद वे बोकारो पहुंचे और बीजीएच में घायल युवक के परिजनों से मिले। शाम 6:45 बजे जब वे एडीएम बिल्डिंग के पास धरना दे रहे युवाओं से मिलने गए, तो वहां मौजूद श्वेता सिंह और उनके समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। कहा गया कि वे बोकारो के विधायक नहीं हैं, यहां से निकल जाएं नहीं तो जान से मार दिए जाएंगे।

बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने जयराम महतो के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जयराम महतो बोकारो में जो काम करने आए थे, उन्होंने वही किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले तो जयराम ने प्रबंधन के पक्ष में उनके आंदोलन को कमजोर किया, फिर शहर में आगजनी और उपद्रव कराया। अब एफआईआर दर्ज कर उनकी ‘बचकानी हरकतें’ सामने आ रही हैं। श्वेता सिंह का मानना है कि जयराम का मकसद विस्थापितों के आंदोलन को कमजोर करना है।

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