Anil Kumar

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने रामनवमी महोत्सव के मद्देनजर अधिकारियों के साथ राज्य में विधि-व्यवस्था संधारण हेतु की गई तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा की।

Ranchi ; मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में अधिकारियों के साथ रामनवमी महोत्सव के मद्देनजर राज्य में विधि-व्यवस्था संधारण की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सुनियोजित तरीके से अफवाह या अराजकता फैलाने वाले तत्वों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पूरे राज्य में रामनवमी महोत्सव आपसी प्रेम-सौहार्द, भाईचारा एवं शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो इस पर फोकस रखें। इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव गृह विभाग श्रीमती वंदना दादेल, डीजीपी श्री अनुराग गुप्ता, एडीजी ऑपरेशन श्री संजय आनंद राव लाटकर, आईजी ऑपरेशन श्री एवी होमकर, आईजी स्पेशल ब्रांच श्री प्रभात कुमार, एसपी ऑपरेशन अमित रेणु तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों के उपायुक्त, एसएसपी, एसपी उपस्थित रहे। संवेदनशील चिन्हित जगहों पर विशेष चौकसी रखें बैठक में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों से कहा कि रामनवमी महोत्सव पर शोभायात्रएं एवं अन्य धार्मिक आयोजन होते हैं, इसलिए यह समय काफी संवेदनशील हो जाता है अतएव वैसे चिन्हित स्थान जहां इन आयोजनों के समय कोई छोटी-बड़ी घटनाएं होने की ज्यादा संभावनाएं रहती है उन जगहों पर विशेष चौकसी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लाइसेंसी एवं गैर लाइसेंसी अखाड़ा समितियों को डीजे बजाने से संबंधित माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश की प्रति उपलब्ध कराना हर हाल में सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नही करने वालों पर क्या कार्रवाई किए जाने का नियम है, यह जानकारी अखाड़ा समितियों को दें ताकि नियम का उल्लंघन नही हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि शोभायात्रा के दौरान सीसीटीवी कैमरा एवं ड्रोन से नजर रखी जाए। शोभायात्रा का भौतिक सत्यापन अवश्य करें। शांति समिति के सदस्यों के साथ समन्वय बनाकर रखें। पुलिस प्रशासन द्वारा यह अपील किया जाए की किसी भी प्रकार का आपत्तिजनक गाना नही बजाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलूस अथवा शोभायात्रा देखने के उपरांत घर लौटने वाले लोगों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखें। शोभायात्रा के दौरान बाइक रैली की नई परंपरा पर रोक लगाएं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पिछले कुछ वर्षों से रामनवमी महोत्सव के दौरान आयोजित शोभा यात्राओं पर बाइक रैली निकालने की नई परंपरा की शुरुआत हो रही है। किसी भी हाल में बाइक रैली न निकले यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनमानस की सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता है। बाइक रैली से आम जनमानस के साथ-साथ रैली आयोजकों पर असुरक्षा का खतरा बढ़ता है अतएव बाइक रैली पर मजबूती के साथ रोक लगाई जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शोभायात्रा या जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन पूर्ण रूप से सतर्क रहे। किसी भी जगह अथवा क्षेत्र में विधि-व्यवस्था बिगड़ती है या बिगड़ी हुई दिखती है तो उसकी सूचना पुलिस हैडक्वाटर तथा कंट्रोल रूम को शीघ्र दें। पुलिस प्रशासन छोटी-छोटी घटनाओं पर भी पैनी नजर रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बिगड़ती स्थिति को कंट्रोल करने के लिए कुछ देर तक म्यूजिक सिस्टम को बंद कराई जाए, ताकि हालात पर नियंत्रण किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूर्ण रूप से मुस्तैद रहे। असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखें। कोई भी अप्रिय घटना न घटे, इस निमित्त पूरी तत्परता के साथ पुलिस प्रशासन अपना कार्य करे। परंपराओं के अनुरूप हो रहे कार्यों पर किसी प्रकार का व्यवधान न हो यह सुनिश्चित कराएं मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों पर लम्बे समय तक शोभायात्रा या जुलूस निकाले जाते हैं उन क्षेत्रों का इनपुट विभिन्न माध्यमों से निरंतर लेते रहें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि रामनवमी महोत्सव की परंपराओं का विशेष ध्यान रखें, परंपराओं के अनुरूप हो रहे कार्यों पर किसी प्रकार का व्यवधान न हो यह सुनिश्चित कराएं। परंपराओं से हटकर अगर किसी प्रकार के नए तरीके के जुलूस अथवा शोभायात्रा निकलती है ,जो विधि-व्यवस्था के संधारण में चुनौती बनती है वैसे आयोजनों पर अविलंब रोक लगाएं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक दूसरे समुदायों के बीच किसी भी हाल में कोई झड़प या तनाव की स्थिति उत्पन्न न हो यह सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहशतगर्तों पर सख्ती नजर रखी जाए। राज्य के भीतर रामनवमी महोत्सव के दौरान आपसी भाईचारा, अमन-चैन, प्रेम-सौहार्द बरकरार रहे यह सभी की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री अधिकारियों से कहा कि किसी भी प्रकार की अफवाहों पर तुरंत कार्रवाई करने और आम जनमानस तक सकारात्मक संदेश प्रेषित करने की व्यवस्था रखें।

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रामनवमी को लेकर पेटरवार पुलिस ने निकाली फ्लैग मार्च, शांति व्यवस्था बनाए रखने का दिया संदेश

तीसरी आंख से रखी जाएगी नजर ; अशोक राम पेटरवार : पेटरवार रामनवमी पर्व को लेकर शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से शनिवार को पेटरवार पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल के जवान शामिल थे। फ्लैग मार्च अंचल अधिकारी अशोक कुमार राम, थाना प्रभारी राजू कुमार मुंडा एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष महतो के नेतृत्व में आयोजित किया गया। फ्लैग मार्च पेटरवार थाना से निकलकर कसमार रोड,मस्जिद ,गागी हॉट, मठ टोला,केवट मल्लाह,न्यू बस स्टैंड से वापस तेनु चौक से होते हुए पेटरवार थाना पहुंची। अंचल अधिकारी अशोक राम ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहां क ड्रोन कैमरा और कैमरा की नजर से रखी जाएगी ।चेतावनी दी कि हुड़दंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि निर्भीक होकर चैतीदर्गा पूजा और रामनवमी शांतिपूर्वक त्यौहार मनाएं, पुलिस हर परिस्थिति में आपके साथ खड़ी है।

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अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की प्रमुख पहल ‘नंद घर’ ने 15 राज्यों में 8,000 का आंकड़ा पार किया

राजस्थान में 20,000 और नंद घरों के माध्यम से 20 लाख जीवनों को छूने का लक्ष्य नई दिल्ली, 5 अप्रैल, 2025: अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (AAF) की प्रमुख पहल नंद घर ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जिसमें 8,044 आँगनवाड़ियों को महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास के लिए आधुनिक केंद्रों में परिवर्तित किया गया है। यह पहल भारत के 15 राज्यों में फैली हुई है और ग्रामीण विकास के प्रति वेदांता की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। नंद घर के माध्यम से अब तक 3 लाख से अधिक बच्चों और 2 लाख महिलाओं को प्रारंभिक बाल शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल विकास जैसी सुविधाओं का लाभ मिला है।नंद घर पारंपरिक आँगनवाड़ियों का आधुनिक रूप हैं, जो उन्नत सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही यहाँ स्मार्ट शिक्षा उपकरण, इंटरएक्टिव ई-लर्निंग मॉड्यूल, बाला (BaLA) डिज़ाइन और स्मार्ट टीवी जैसी सुविधाएँ भी दी जाती हैं, ताकि 3-6 साल के बच्चों के लिए सीखने की प्रक्रिया को रोचक बनाया जा सके। हर केंद्र में बच्चों के अनुकूल फर्नीचर, बिजली, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छ शौचालय की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इस प्रकार, नंद घरों में बच्चों को एक सुरक्षित और पोषणयुक्त माहौल मिलता है। शिक्षा के साथ-साथ, नंद घर कुपोषण के खिलाफ भी काम कर रहे हैं। यहाँ बच्चों को पोषक आहार और गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं को ज़रुरी पोषण सहायता दी जाती है। इसके अलावा, नियमित टीकाकरण अभियान और स्वास्थ्य शिविर जैसी स्वास्थ्य सेवाएँ भी उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे संपूर्ण समुदाय के स्वास्थ्य को और बेहतर बनाया जा सके। नंद घर महिला सशक्तिकरण को भी मजबूत बना रहा है, जिसमें समुदाय की महिलाओं को हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण और रिटेल जैसे कौशल निर्माण गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। इससे महिलाएं प्रति माह औसतन ₹10,000 तक की आय अर्जित करने में सक्षम हो रही हैं।नंद घर अपनी पहुँच को लगातार बढ़ा रहा है। 2024-25 उपलब्धियों का एक खास साल रहा है। कुपोषण से लड़ने के लिए, नंद घर ने दो चरणों में प्रोटीन युक्त मिलेट शेक वितरित किए, जिससे छह राज्यों के बच्चों को लाभ मिला। पेटेंटेड और FSSAI प्रमाणित इस मिलेट शेक में 23 आवश्यक विटामिन और मिनरल्स शामिल हैं, और इसे रागी, बाजरा, फॉक्सटेल और कोदो जैसे मोटे अनाजों के मिश्रण से तैयार किया गया है। सरकार द्वारा दैनिक आहार में मिलेट्स के उपभोग को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत, नंद घर की यह पहल पोषण सुरक्षा को बढ़ावा देने की राष्ट्रीय दृष्टि के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें स्थायी और स्थानीय रूप से प्राप्त सुपरफूड्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है।इस वर्ष मार्च में, AAF ने गर्वपूर्वक महाराष्ट्र के पहले नंद घरों का उद्घाटन किया, जिसमें ठाणे में 25 नए केंद्रों की शुरुआत की गई। अपनी पहुंच को और विस्तारित करते हुए, फाउंडेशन आगामी दो वर्षों में राजस्थान में 20,000 और नंद घर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे ग्रामीण समुदायों में बड़े पैमाने पर बदलाव लाया जा सके।यह पहल भारत सरकार के महिला और बाल विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है। मंत्रालय विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 6 साल तक के बच्चों और उनकी माताओं को संपूर्ण देखभाल एवं पोषण प्रदान करता है। यहाँ प्रशिक्षित स्टाफ, शिक्षा सामग्री, पोषण और बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए कई गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित माहौल में बेहतर देखभाल मिल सके। पूरे देश में 14 लाख से आँगनवाड़ी केंद्र 7 करोड़ से ज़्यादा बच्चों को सेवाएँ दे रहे हैं। ऐसे में, नंद घर का मॉडल मौजूदा व्यवस्थाओं को और सशक्त बनाता है और ग्रामीण भारत में महिलाओं व बच्चों के कल्याण के लिए सरकारी प्रयासों को बढ़ावा देता है।इस उपलब्धि पर बात करते हुए, प्रिया अग्रवाल हेब्बर, हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड की चेयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की नॉन-एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, ने कहा, “8,000 नंद घरों की यात्रा हमारे इस संकल्प को दर्शाती है कि हम ज़मीनी स्तर पर जीवन में बदलाव लाने के लिए तत्पर हैं। ये केंद्र सिर्फ आधुनिक आँगनवाड़ी ही नहीं हैं, बल्कि संभावनाओं के ऐसे द्वार हैं, जहाँ बच्चे सीखते हैं, बढ़ते हैं और आगे बढ़ते हैं, और महिलाएँ आत्मनिर्भर बनने के लिए ज़रूरी साधन और कौशल प्राप्त करती हैं। नंद घर अब एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का रूप ले रहा है और वास्तविक बदलाव ला रहा है। सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ हमारी साझेदारी इस मिशन को और मज़बूत बना रही है, जिससे हमें उद्देश्यपूर्ण रूप से आगे बढ़ने और पूरे भारत के समुदायों में सार्थक बदलाव करने में मदद मिल रही है।”आगे बात करते हुए, शशि अरोड़ा, नंद घर के सीईओ, ने कहा, “नंद घर में, हमारा उद्देश्य सिर्फ आँकड़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उन जिंदगियों में बदलाव लाना है, जो हमारे संपर्क में आती हैं। हम स्मार्ट लर्निंग, डिजिटल टूल्स और सतत पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से भारत में आँगनवाड़ी व्यवस्था की नई परिभाषा रच रहे हैं। पिछले एक साल में हमने अत्याधुनिक डिजिटल लर्निंग मॉड्यूल और विस्तारित पोषण कार्यक्रम पेश किए हैं, ताकि हर बच्चा पोषण 2.0 दिशानिर्देशों के अनुसार दैनिक संतुलित आहार प्राप्त कर सके। हमारी प्रमुख पहल, जैसे- ‘खाना खाया क्या?’, मिलेट बार और शेक डिस्ट्रीब्यूशन ड्राइव, डिजिटल स्मार्ट लर्निंग मॉडल, बाल विकास और महिला सशक्तिकरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मज़बूत करती है। हम आगे भी अपने प्रयासों को जारी रखेंगे, ताकि प्रारंभिक बाल शिक्षा, पोषण और महिला सशक्तिकरण के माध्यम से समाज में सार्थक और सतत बदलाव लाया जा सके।”इस उपलब्धि पर श्री रवीश शर्मा, डिप्टी सीईओ और डब्ल्यूटीडी, ईएसएल स्टील लिमिटेड ने उत्साह व्यक्त करते हुए कहा: “नंद घर पहल की देश भर में अभूतपूर्व वृद्धि देखकर मुझे बहुत गर्व महसूस हो रहा है – खासकर झारखंड में 150 नंद घरों की प्रेरक उपलब्धि। ईएसएल में, हम पूरे दिल से इस दृष्टिकोण के साथ जुड़ते हैं और हर बच्चे और महिला को उनके उज्जवल भविष्य की यात्रा पर सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ये बढ़ती संख्याएँ सिर्फ़ प्रगति से कहीं ज़्यादा का प्रतिनिधित्व करती हैं – वे परिवर्तन की शक्तिशाली कहानियों को दर्शाती हैं, और हमें अनिल अग्रवाल फ़ाउंडेशन के नेतृत्व में इस सार्थक आंदोलन का हिस्सा बनने पर गर्व है।”चंदाहा की लाभार्थी अंजलि बद्याकर ने भी इसी भावना को दोहराते हुए अपना…

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